323 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2019

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

कैसा होना चाहिए सेवक का दृष्टिकोण ? – पूज्य बापू जी


जो जवाबदारियो से भागते रहते हैं वे अपनी योग्यता कुंठित कर देते हैं और जो निष्काम कर्मयोग की जगह पर एक-दूसरे की टाँग खींचते हैं वे अपने आपको खींच के नाले में ले जाते हैं । मूर्ख लोग काम टालते हैं…. वह उस पर टालेगा, वह उस पर टालेगा । जब यश और सफलता होगी …

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अदभुत है गीता ग्रंथ ! – पूज्य बापू जी


(श्रीमद्भगवदगीता जयंतीः 8 दिसम्बर 2019) सारे वेदों का, उपनिषदों का अमृत सरल भाषा में जिस ग्रंथ में है और जो सभी तक पहुँचे ऐसा ग्रंथ है श्रीमद्भगवदगीता । भगवद्गीता ने क्रांति कर दी । श्रीकृष्ण ने प्रेमाभक्ति का दान देकर अंदर की चेतना जगा दी लेकिन जो विचारप्रधान थे उनको युद्ध के मैदान में ऐसी …

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बहाना बनाकर भी भक्तों का उद्धार करते हैं भगवान !


स्वामी अखंडानंद जी सरस्वती एक बार भगवान श्री रामचन्द्र जी अपने अंतःपुर में रत्नसिंहासन पर बैठे हुए थे । इसी समय देवर्षि नारद जी आकाश से उतरे । उनको देखकर रामचन्द्र जी झट हाथ जोड़कर बड़े प्रेम से खड़े हो गये । महात्मा लोग यदि न हों तो भगवान को कोई पूछे ही नहीं बस …

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