बलानां श्रेष्ठं बलं प्रज्ञाबलम् – पूज्य बापू जी
महाभारत के उद्योग पर्व (37.55) में आता हैः यद् बलानां बलं श्रेष्ठं तत् प्रज्ञाबलमच्यते ।। ‘जो सब बलों में श्रेष्ठ बल है वह प्रज्ञा (बुद्धि का शुद्ध किया हुआ, सुविकसित और सुसंस्कृत रूप, ज्ञानदृष्टि, अंतर्दृष्टि, आत्मिक ज्ञान से सुसम्पन्न मति) का बल कहलाता है । विश्व में सबसे बड़ा बल है बुद्धि का बल । …