327 ऋषि प्रसादः मार्च 2020

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

बलानां श्रेष्ठं बलं प्रज्ञाबलम् – पूज्य बापू जी


महाभारत के उद्योग पर्व (37.55) में आता हैः यद् बलानां बलं श्रेष्ठं तत् प्रज्ञाबलमच्यते ।। ‘जो सब बलों में श्रेष्ठ बल है वह प्रज्ञा (बुद्धि का शुद्ध किया हुआ, सुविकसित और सुसंस्कृत रूप, ज्ञानदृष्टि, अंतर्दृष्टि, आत्मिक ज्ञान से सुसम्पन्न मति) का बल कहलाता है ।  विश्व में सबसे बड़ा बल है बुद्धि का बल । …

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पंचमहाभूतों का विश्लेषण


सम्पूर्ण जगत है क्षेत्र और उसको जानने वाला है क्षेत्रज्ञ साख्य शास्त्र के अनुसार प्रकृति से तीन गुणों का विकास होता हैः सत्वगुण (ज्ञानशक्ति), रजोगुण (क्रियाशक्ति) और तमोगुण (स्थायित्वशक्ति) । प्रकृति मूल कारण है, वह किसी का कार्य नहीं है । उसमें त्रिगुण साम्यावस्था में रहते हैं । प्रकृति में क्षोभ होने पर उससे महत्-तत्त्व …

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परिप्रश्नेन


प्रश्नः मन अमनी भाव को कैसे प्राप्त होता है ? पूज्य बापू जीः नमक की पुतली समुद्र को जाँचने जाये तो गायब होगी की रहेगी ? गायब हो जायेगी । ऐसे ही मन भगवान में जाते-जाते ब्रह्ममय हो जाता है । जैसे नमक की पुतली समुद्र को खोजे तो समुद्रमय हो जाती है, ऐसे ही …

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