337 ऋषि प्रसाद जनवरी 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

परिप्रश्नेन….


साधकः गुरुदेव ! मन को मारना चाहिए या मन से दोस्ती करनी चाहिए ? पूज्य बापू जीः मन से दोस्ती करेंगे तो ले जायेगा पिक्चर में, ले जायेगा ललना के पास, कहीं भी ले जायेगा मन तो । मन को मारोगे तो और उद्दंड होगा । मन से दोस्ती भी न करो, मन को मारो …

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जोंक नहीं, बछड़ा बन !


वासनावान लोगों की स्थिति समझाने के लिए महात्मा आनंद स्वामी अपने जीवन का एक प्रसंग बताते हुए कहते हैं- मैं छोटा सा था । एक गाय थी हमारे घर में । पिता जी ने कहाः “जा, उसे घुमा ला, पानी पिला ला ।” हमारे गाँव के पास एक तालाब था । गाय उसके किनारे-किनारे घूमने …

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तो 33 करोड़ देवता भी हो जायें नतमस्तक ! – पूज्य बापू जी


मैंने एक पौराणिक कथा सुनी है । एक बार देवर्षि नारद जी ने किसी बूढ़े को कहाः “काका ! इतने बीमार हो । संसार तो संसार है, चलो मैं तुम्हें स्वर्ग में ले चलता हूँ ।” बूढ़े ने कहाः “नारदजी ! मैं स्वर्ग तो जरूर आऊँ लेकिन मेरी एक इच्छा पूरी हो जाय बस ! …

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