देर-सवेर अपने स्वरूप की ओर वापस लौटना ही पड़ेगा !
आजकल कई लोग विज्ञान-विज्ञान… आधुनिकता-आधुनिकता… करके जीवन की वास्तविकता को प्रकटाने वाली आत्मविद्या से दूर होकर अपनी असीम शक्तियों और सच्चे आनंद से अनजान रहते हैं । अपने वास्तविक कर्तव्यपालन की ओर ध्यान नहीं देते और मनमाने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक उतरने को तैयार हो जाते हैं । ऐसे लोग शरीर की …