बल ही जीवन है – पूज्य बापू जी
बल ही जीवन है, दुर्बलता मौत है । जो नकारात्मक विचार करनेवाले हैं वे दुर्बल हैं, जो विषय-विकारों के विचार में उलझता है वह दुर्बलहोता है लेकिन जो निर्विकार नारायण का चिंतन, ध्यान करता है औरअंतरात्मा का माधुर्य पाता है उसका मनोबल, बुद्धिबल और आत्मज्ञानबढ़ता है ।