क्यों नज़रअंदाज किया गया महत्त्वपूर्ण गवाहों को ?

क्यों नज़रअंदाज किया गया महत्त्वपूर्ण गवाहों को ?


आरोप लगाने वाली लड़की ने जिस जगह की वह मनगढ़ंत घटना बतायी है, जोधपुर के  मणई गाँव में स्थित उस कुटिया की देखभाल करने वाले विष्णु ने एक इंटरव्यू में ऐसे कई तथ्य बताये जिनसे यह सिद्ध हो जाता है  यह एक सुनियोजित षड्यन्त्र है।

विष्णुः “आरोप लगाने वाली लड़की व उसका परिवार 16 अगस्त की सुबह को मणई से जोधपुर रेलवे स्टेशन जाने के लिए निकले थे। मणई और रेलवे स्टेशन के बीच में तकरीबन 4 से 5 पुलिस स्टेशन पड़ते हैं तो वे लोग वहाँ पर भी एफ आई आर दर्ज करा सकते थे। दिल्ली जाकर एफ आई आर दर्ज कराने से एक नया सवाल खड़ा होता है।

16 अगस्त की सुबह को लड़की व उसके पिताजी हमारे घर आये, खाना खाया और लड़की अपने पिता जी के साथ एकदम हँस-मिल के बातचीत कर रही थी तथा खुशी से मेरे बेटे-बेटी को 100-100 रूपये भी दिये, फिर मेरा चचेरा भाई उनको रेलवे स्टेशन तक छोड़कर आया।”

गवाह विष्णु की इन तथ्यपूर्ण बातों से लड़की के मनगढ़ंत आरोपों की पोल खुल जाती है। परंतु आश्चर्य की बात तो यह है कि अधिकांश मीडिया ने इतने महत्त्वपूर्ण गवाह का इंटरव्यू समाज तक नहीं पहुँचाया। आखिर क्यों ?

स्रोतः ऋषि प्रसाद, अक्तूबर 2013, पृष्ठ संख्या 31, अंक 250

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