दिवाली में ४ चीजे करते…(आप अध्यात्मिक दिवाली मनाओ)
१)घर का कचरा बाहर निकाल कर साफसुथरा करते ऐसे फालतू वासना का कचरा बाहर निकालो … अध्यात्मिक दिवाली मनाओ….
२)घर में नई चीजे लाते … “दुसरे का हीत , दुसरे का मंगल कैसे हो” ये आप के जीवन में नई चीज लाओ… दुसरे सुख, प्रसन्नता और सन्मानित कैसे रहे ऐसा हीत का चिंतन करो तो आप लोक लाडले हो जायेंगे..
३)दिए जलाते… अपने को परिस्थितियों में पीसो मत….ज्ञान का दिया जलाओ …..दुःख आया तो गलती हुयी है, गलती कैसे मिटे …धन के संग्रह में लगे तो गलती हुयी तो इनकम टैक्स का दुःख हुआ….संसार दुखालय है….आसक्ति से पंगा छुडाओ ….सुख आया तो बाटों ..सुख उदार होने के लिए आता ..ऐसा ज्ञान का दिया जलाओ ..
४) मिठाई खाते और खिलाते…. प्रभु का आनंद अपने जीवन में भरो…ख़ुद भी प्रसन्न रहो….दूसरो को भी मधुरता दो..मधुराधिपतये मधुरं मधुरं… अर्थात मधुमय व्यवहार करो ..
(किसी गरीब बस्ती में जाकर मिठाई खिलाना और गरीब के घर में भी दिया जला के आना)
.. मैं दिवाली में आदिवासी एरिया में जाऊँगा…जहा गरीब गुरबे है… कपडे, बर्तन, मिठाई बाटूंगा ….हम दिवाली नए कपडे पहेन के नही मनाते… मेरी तो रोज दिवाली है…