योगी अरविन्द जयन्तीः 15 अगस्त 2019
हिन्दू धर्म क्या है ?
दुनिया के सामने हिन्दू धर्म का संरक्षण और उत्थान – यही कार्य हमारे सामने हैं । परन्तु हिंदू धर्म क्या है ? वह धर्म क्या है जिसे हम सनातन धर्म कहते हैं ? वह धर्म हिन्दू धर्म इसी नाते है कि हिन्दू जाति ने इसको रखा (संरक्षित किया) है । समुद्र और हिमालय से घिरे हुए इस प्रायद्वीप (स्थल का वह भाग जो तीनों ओर से जल से घिरा हो) के एकांतवास में यह फला फूला है । युगों तक इसकी रक्षा करने का भार आर्य जाति को सौंपा गया था । परंतु यह धर्म किसी एक देश की सीमा से घिरा नहीं है । जिसे हम हिन्दू धर्म कहते हैं, वह वास्तव में सनातन धर्म है क्योंकि यही वह विश्वव्यापी धर्म है जो दूसरे सभी धर्मों का आलिंगन करता है । यदि कोई धर्म विश्वव्यापी न हो तो वह सनातन भी नहीं हो सकता । कोई संकुचित धर्म, साम्प्रदायिक धर्म, अनुदार धर्म कुछ काल और किसी मर्यादित हेतु के लिए ही रह सकता है । यह हिन्दू धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो अपने अंदर विज्ञान के आविष्कारों और दर्शनशास्त्र के चिंतनों का पूर्वाभास (पूर्वज्ञान) देकर और उन्हें अपने अंदर मिला के जड़वाद (चेतन आत्मा का अस्तित्व न मानने वाला दार्शनिक मत) पर विजय प्राप्त कर सकता है । यही एक धर्म है जो मानव-जाति के दिल में यह बात बैठा देता है कि ‘भगवान हमारे निकट हैं’ । यह उन सभी साधनों को अपने अंदर ले लेता है जिनके द्वारा मनुष्य भगवान के पास पहुँच सकते हैं । यही एक धर्म है जो संसार को दिखा देता है कि संसार क्या है – वासुदेव की लीला । यही बताता है कि इस लीला में हम अपनी भूमिका अच्छी से अच्छी तरह कैसे निभा सकते हैं और यह दिखाता है कि इसके सूक्ष्म से सूक्ष्म नियम क्या हैं, इसके महान से महान विधान कौन से हैं ।
सच्ची राष्ट्रीयता
राष्ट्रीयता राजनीति नहीं बल्कि एक धर्म है, एक विश्वास है, एक निष्ठा है । सनातन धर्म ही हमारे लिए राष्ट्रीयता है । यह हिन्दू जाति सनातन धर्म को लेकर पैदा हुई है, उसी को ले के चलती है और पनपती है । जब सनातन धर्म की हानि होती है तब इस जाति की भी अवनति होती है और यदि सनातन धर्म का विनाश सम्भव होता तो सनातन धर्म के साथ-साथ इस जाति का विनाश हो जाता । सनातन धर्म ही राष्ट्रीयता है । यही वह (दैवी) संदेश है जो मैंने आपको सुनाया है ।
स्रोतः ऋषि प्रसाद, जुलाई 2019, पृष्ठ संख्या 10, अंक 319
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