हमारे महात्माओं की बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है

हमारे महात्माओं की बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है


श्री अशोक सिंहल, मुख्य संरक्षक व पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद

इस भारतीय संस्कृति को मिटाने का बड़ा सुनियोजित षड्यंत्र चलाया जा रहा है। पूरे भारत देश में अमेरिका के एन.जी.ओस. (नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन) काम करते हैं। अमेरिका की सभ्यता भारत में कैसे थोपी जाये इसके अनेक प्रयत्न किये जा रहे हैं और हमारे बड़े-बड़े महात्माओं एवं संगठनों के प्रमुखों को बदनाम करने के लिए उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर एवं गलत ढंग से पेश किया जा रहा है, जिससे उनके प्रति हमारी श्रद्धा समाप्त होने लग जाय।

मेरे मन को बड़ा कष्ट इसलिए होता है कि जो सबसे बड़े हैं – बापू, जिनका नाम पूरे देश में सबसे ऊपर दिखाई पड़ता है, उनके लिए षड्यंत्र चल रहा है कि ʹअब बापू को बदनाम करो, उनके प्रति लोगों की श्रद्धा समाप्त करो।ʹ तो क्या वे बापू जी के प्रति हमारी श्रद्धा नष्ट कर सकते हैं ? कदापि नहीं। श्रद्धा तो बढ़ती चली जा रही है, कौन रोक सकता है ?

अमेरिका और यूरोप की कम्पनियों का बड़ा भारी पैसा इस देश के भीतर संगठन चलाने के लिए आता है और वे हमारे महात्माओं को बदनाम करने के लिए लगे हुए हैं। इस देश के भीतर पश्चिम की संस्कृति ने ऐसी जकड़न पैदा की है कि न तो हमारा राम-जन्मभूमि का मंदिर बन पा रहा है और इस देश में हर साल एक करोड़ गौ-हत्या होती रहती है, कोई रोक नहीं पा रहा है। गंगा को नष्ट करने का बड़ा भारी प्रयास चल रहा है।

बापूजी ! आप तो महाशक्ति हैं, भगवतशक्ति आपके साथ है। अतः आपके श्रीचरणों में यही निवेदन करना चाहता हूँ कि किसी प्रकार से हमारी संस्कृति फले-फूले। संस्कृति के आधार पर और धर्म की रक्षा करते हुए इस देश का विकास हो।

स्रोतः ऋषि प्रसाद, फरवरी 2013, पृष्ठ संख्या 13, अंक 242

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