सदगुरु महिमा
पुज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू भगवान से कुछ माँगो मत। माँगने से देने वाले की अपेक्षा तुम्हारी माँगने की वस्तु का महत्त्व बढ़ जाता है। ईश्वर और गुरु माँगी हुई चीजें दे भी देते हैं किन्तु फिर अपना-आपा नहीं दे पाते। बलि ने भगवान वामन से कह दियाः “प्रभु ! आप जो चाहे ले सकते …