सन् 1992 से 1998 तक मैं गम्भीर रूप से बीमार रहा, जिससे मेरा वजन 25 किलो रह गया । कई जगह इलाज कराया, 8 लाख रुपये खर्च हो गये । अंत में डॉक्टरों ने जवाब दे दिया । मैं 6 साल तक एक ही जगह पड़ा रहा । हर तरफ से निराश हो गया था …
मेरे पुण्यों का उदय तब हुआ जब मुझे ब्रह्मवेत्ता संत पूज्य बापू जी का दर्शन-सत्संग और उनसे नामदान पाने का अवसर प्राप्त हुआ । सन् 1974 के उत्तरायण शिविर में जब पहली बार मैं बापू जी के दर्शन करने आया तो सर्वांतर्यामी पूज्य बापू जी ने कहाः ″नामदान (मंत्रदीक्षा) लेना है तो मांस, दारू सब …
साधनाकाल में पूज्य बापू जी जब डीसा में रहते थे, उस समय पहली बार जब पूज्य श्री मधुकरी (भिक्षा) करने गये थे तो एक सिंधी माई ने भिक्षा देने से मना कर दिया था । यह प्रसंग सभी ने सुना ही होगा । उस घर से चलकर बापू जी जब दूसरे घर गये तो वहाँ …