358 ऋषि प्रसाद: अक्तूबर 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

शरीर की दवाई कम करो, मन की दवाई करो – पूज्य बापूजी


शरीर की बीमारी कोई बड़ी बीमारी नहीं, मन की बीमारी नहीं आनी चाहिए । अमेरिका के एक स्पीकर को 21 साल की उम्र में टी.बी. की बीमारी हो गयी थी, जो तीसरे दर्जे में आ गयी थी । अस्पताल में उसने सोचा कि ‘अब तो टी.बी. में बहुत पीड़ा झेलते-झेलते मरना है, इससे तो जहर …

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मन का प्रभाव तन पर – पूज्य बापू जी


तो उसको जहर चढ़ जायेगा मन में बड़ी शक्ति है । आपने देखा होगा कि साँप काटता है तो कई व्यक्ति मर जाते हैं । लगभग 80 प्रतिशत साँप बिना जहर के होते हैं परंतु अगर गहरे मन में यह बात बैठ गयी है कि साँप ने काटा है, मैं मर जाऊँगा ।’ तो डॉक्टर …

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रोग का रहस्य और निरोगता का मूल


रोग शरीर की वास्तविकता समझाने के लिए आता है । रोग पर वही विजय प्राप्त कर सकता है जो शरीर से असंगता का अनुभव कर लेता है । प्राप्त का अनादर और अप्राप्त का चिंतन, अप्राप्त की रुचि और प्राप्त से अरुचि – यही मानसिक रोग है । वास्तव में तो जीवन की आशा ही …

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