Gurubhaktiyog

सच्ची गुरू पूजा


गुरुदेव आपने एकबार कहा था कि एकलव्य ने अपने गुरु की मूर्ति का उचित रीति से पूजन किया था तो पूजा की उचित विधियाँ क्या है? गुरु ने कहा कि- एकलव्य को गुरुमूर्ति का ध्यान करना था इसलिए गुरु की मूर्ति बनाकर ये मेरे प्यारे गुरु है ऐसा मानकर उसने सच्चे गुरु को इस मूर्ति …

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समर्थ रामदास जी का वह सत शिष्य कल्याण….


ज्ञान मार्ग के पथ प्रदर्शक गुरु की प्रशस्तिगान झुकती नही है, सच्चे गुरु सदैव शिष्य के अज्ञान का नाश करने में तथा उसे उपनिषदों का ज्ञान देने में संलग्न रहते है।आध्यत्मिक गुरु साधक को अपनी प्रेमपूर्ण एवं विवेकपूर्ण निगरानी में रखते है तथा आध्यात्मिक विकास के विभिन्न स्तरों में से उसे आगे बढाते है। सत्य …

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दादा गुरु साँई श्री लीलाशाहजी महाराज का पत्र बापूजी को ..


जिनके लिए तीनो कालो में यह सृष्टि बनी ही नही ऐसे बापूजी के आगे कोई उनके गुरु की लेशमात्र चर्चा ही कर दे तो बापूजी की आंखों में अमृत का झरना फूट पड़ता है मानो उस सुखद दृश्य के आगे गुरुभक्ति बढ़ाने वाले सभी ग्रन्थ साहित्य फीके पड़ जाते है। ऐसे सत्शिष्य को सद्गुरु साईं …

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