इस व्यापारी की कथा के पीछे छुपा था महत्वबुद्धि का गहरा मर्म…
गुरुभक्तियोग की नींव गुरु के प्रति अखंड श्रद्धा में निहित है। शिष्य को समझ में आता है कि हिमालय की एकांत गुफा में समाधि लगाने की अपेक्षा गुरु की सेवा करने से वह उनके ज्यादा संयोग में आ सकता है। गुरु के साथ अधिक एकता स्थापित कर सकता है। गुरु को संपूर्ण बिनशर्ती आत्मसमर्पण करने …