275 ऋषि प्रसादः नवम्बर 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

बंधन तोड़कर मुक्त हो जाओ !


  दूसरों के साथ आपका दो प्रकार का संबंध हो सकता है। मोह का संबंधः परिवार के जन सदस्यों पर आप अपना अधिकार मानते हैं, जिनसे सुख, सुविधा, सम्मान, सेवा, आराम, वस्तुएँ लेने की आशा रखते हैं, उनके साथ आपका ‘मोह’ का संबंध है। यदि वे आपकी आशा पूरी कर देंगे तो आपको सुख होगा …

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मानव जीवन के लिए परम उपयोगीः गाय


  (गोपाष्टमीः 8 नवम्बर 2016) भारतीय संस्कृति में गाय को माता का स्थान दिया गया है। जिस प्रकार माँ अपने बच्चे का लालन-पालन व सुरक्षा करती है, उसी प्रकार गौ का दूध आदि भी मनुष्य का लालन-पालन तथा स्वास्थ्य व सदगुणों की सुरक्षा करते हैं। गाय की पूजा, परिक्रमा व स्पर्श स्वास्थ्य, आर्थिक व आध्यात्मिक …

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मेरे गुरुदेव की कितनी नम्रता व सत्संग-निष्ठा !


  (भगवत्पाद साँईं श्री लीलाशाह जी महाराज महानिर्वाण दिवस) आओ श्रोता तुम्हें सुनाऊँ महिमा लीलाशाह की। सिंध देश के संत शिरोमणि बाबा बेपरवाह की।।….. मेरे गुरुदेव (साँईं श्री लीलाशाह जी महाराज) को 20 साल की उम्र में ईश्वर साक्षात्कार हो गया, 16 साल की उम्र तो अच्छी तरह से समाधि लग जाती थी। 12 साल …

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