266 ऋषि प्रसादः फरवरीः 2015

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

किसके जीवन का अंत कैसा ? – पूज्य बापू जी


‘खाया-पिया और मजे से जियेंगे, गुरु वरु कुछ नहीं है…..’, ऐसे लोगों को विषयी व्यक्तियों के जीवन का अंत कैसे होता है ? बोलेः अतृप्ति, असफलता, पाप के संग्रह में तथा दुःख, चिंता और निराशा की आग और अफसोस से समाप्त हो जाता है निगुरे लोगों का जीवन। और जिनको गुरुदीक्षा मिलती है उनका जीवन …

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करिश्मा-ए-बाबा आशाराम बापू


(‘सच्चा लेखन’ समाचार पत्र की रिपोर्टिंग) आशाराम जी बापू को जाँच हेतु एम्स ट्रॉमा सेंटर, दिल्ली ले जाया गया था। बाबा के रेलवे स्टेशने पहुँचने पर वहाँ पर कई हजार भक्त इकट्ठे हो गये। यह विचारणीय विषय है कि इतना कड़ा आरोप लगने के बाद भी आखिर बाबा को भक्त क्यों नहीं छोड़ रहे हैं …

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औषधीय गुणों से भरपूर सहजन


सहजन (मुनगा) की फली खाने में मधुर, कसैली एवं स्वादिष्ट तथा पचने में हलकी, गरम तासीरवाली एवं जठराग्नि प्रदीप्त करने वाली होती है। इसके फूल तथा+ कोमल पत्तों की सब्जी बनायी जाती है। सहजन कफ तथा वायु शामक होने से श्वास, खाँसी, जुकाम आदि कफजन्य विकारों तथा आमवात, संधिवात, सूजनयुक्त दर्द आदि वायुरोगों में विशेष …

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