किसके जीवन का अंत कैसा ? – पूज्य बापू जी
‘खाया-पिया और मजे से जियेंगे, गुरु वरु कुछ नहीं है…..’, ऐसे लोगों को विषयी व्यक्तियों के जीवन का अंत कैसे होता है ? बोलेः अतृप्ति, असफलता, पाप के संग्रह में तथा दुःख, चिंता और निराशा की आग और अफसोस से समाप्त हो जाता है निगुरे लोगों का जीवन। और जिनको गुरुदीक्षा मिलती है उनका जीवन …