संतों का संग अमोघ होता है
संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से जब-जब हम ईश्वर एवं गुरु की ओर खिंचते हैं, आकर्षित होते हैं तब-तब मानों कोई-न-कोई सत्कर्म हमारा साथ देते हैं और जब-जब हम दुष्कर्मों की ओर धकेले जाते हैं तब-तब मानों हमारे इस जन्म अथवा पुनर्जन्म के दूषित संस्कार अपना प्रभाव छोड़ते हैं। अब देखना यह है कि …