082 ऋषि प्रसादः अक्तूबर 1999

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

भारतः ज्ञानपूर्ण गुलदस्ता


संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से भारत हमेशा ज्ञान का पुजारी रहा है। पुराणों में जो कहा गया है वही आपके सिर पर थोप दिया जाये, ऐसा भारतीय संस्कृति नहीं मानती है। भारतीय संस्कृति संस्थापक कोई पीर, पैगम्बर या कोई एक ऋषि नहीं हैं। अगर एक ही ऋषि ने भारतीय संस्कृति की स्थापना की …

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जमीकन्द-सूरन


आयुर्वेद के मतानुसार सभी प्रकार की कन्द-सब्जियों में सूरन सर्वश्रेष्ठ है। बवासीर के रोगियों को आज भी वैद्य सूरन एवं छाछ पर रहने के लिए कहते हैं। आयुर्वेद में इसीलिए इसे ʹअर्शोघ्नʹ भी कहा गया है। गुणधर्मः सूरन की दो प्रजातियाँ पायी जाती हैं-लाल और सफेद। लाल सूरन को काटने से हाथ में खुजली होती …

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चार प्रकार के बल


संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से जीवन में सर्वांगीण उन्नति के लिए चार प्रकार के बल जरूरी हैं- शारीरिक बल, मानसिक बल, बौद्धिक बल, संगठन बल। पहला बल है शारीरिक बल। शरीर तंदरुस्त होना चाहिए। मोटा होना शारीरिक बल नहीं है, वरन् शरीर स्वस्थ होना शारीरिक बल है। दूसरा बल है मानसिक बल। जरा-जरा …

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