ज्ञान की सात भूमिकाएँ
संत श्री आसारामजी बापू के सत्संग-प्रवचन से दो प्रकार के संस्कारी मनुष्य होते हैं- धार्मिक और जिज्ञासु। यह बात उन मनुष्यों की नहीं है जो केवल खाने पीने और संतति को जन्म देने में ही अपना जीवन पूरा कर देते हैं। ऐसे लोगों को तो मनुष्य रूप में पशु ही कहा गया है। मनुष्यरूपेण मृगाश्चरंति। …