मन एक कल्पवृक्ष
मन के साथ यदि मित्रता की जाये, विवेक से उसे उच्च लक्ष्य की ओर मोड़ा जाये तो वह बड़ा लाभ दे सकता है और यदि उसकी अधीनता स्वीकार करके, उसके कहे में आकर बह गये तो वह वह मन बड़ी हानि भी पहुँचा सकता है। इसीलिए शास्त्रों ने कहा हैः मनः एव मनुष्याणां कारणं बंधमोक्षयोः। …