विविध व्याधियों में आहार-विहार
त्तैत्तरीय उपनिषद के अनुसारः ‘अन्नं हि भूतानां ज्येष्ठम्-तस्मात् सर्वोषधमुच्यते।’ अर्थात् भोजन ही प्राणियों की सर्वश्रेष्ठ औषधि है,क्योंकि आहार से ही शरीरस्थ सप्तधातु, त्रिदोष तथा मलों की उत्पत्ति होती है। युक्तियुक्त आहार, वायु, पित्त और कफ इऩ तीनों दोषों को समान रखते हुए आरोग्य को प्रदान करता है और किसी कारण से रोग उत्पन्न हों भी …