उद्देश्य और आश्रय
पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से संसार को अनित्य, बदलने वाला जानो और भगवान को नित्य, सदा रहने वाला मानो । संसार दुःखालय है । संसार शत्रु देकर तपाता है और मित्र देकर भी दुःख देता है । मित्र मिला और वह बीमार हो तो दुःख देगा । मित्र चिढ़ गया तो दुःख देगा । …