उलझो मत, मुक्त बनो
एक होता है पाशवी जीवन, आँखों ने देखी रोशनी, सुंदर लगी, परिणाम का विचार किये बिना पतंगे उड़े और दीपक में जल मरे अथवा ट्रैफिक की लाइट में कुचले गये । इसको बोलते हैं जीव-जंतु का तुच्छ जीवन । ऐसे ही आँखों ने देखा कि हरी-हरी घास है, अब डंडा लगेगा – नहीं लगेगा इसका …