शरीर के साथ दिल को भी रंग लो
(होलीः 28 फरवरी) पूज्य बापू जी ‘होली’ भारतीय संस्कृति की पहचान कराने वाला एक पुनीत पर्व है। यह पारस्परिक भेदभाव मिटाकर प्रेम व सदभाव प्रकट करने का एक सुंदर अवसर है, अपने दुर्गुणों तथा कुसंस्कारों की आहुति देने का एक यज्ञ है तथा अंतर में छुपे हुए प्रभुत्व को, आनंद को, निरहंकारिता, सरलता और सहजता …