209 ऋषि प्रसादः मई 2010

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ठग सुक्खा सलाखों के पीछे


कहते हें- विनाशकाले विपरीतबुद्धिः। जब गीदड़ की मौत आती है तब वह शहर की ओर भागता है। ऐसा ही हुआ ठग सुखाराम के साथ जिसने पूज्य बापू जी जैसे महान, पवित्र, ब्रह्मज्ञानी संत को बदनाम करने की साजिश की। शायद उसे यह पता नहीं था कि संत सताये तीनों जायें, तेज, बल और वंश। ऐसे …

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सुख का विज्ञान


(पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से) प्राणिमात्र का एक ही उद्देश्य है कि हम सदा सुखी रहें, कभी दुःखी न हों। सुबह से शाम तक और जीवन से मौत तक प्राणी यही करता है – दुःख को हटाना और सुख को थामना। धन कमाते हैं तो भी सुख के लिए, धन खर्च करते हैं तो …

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सेक्स स्कैण्डल और पोप की सत्ता


पोप बेनेडिक्ट सोलहवें और कैथोलिक चर्च की दया, शाति और कल्याण की असलियत दुनिया के सामने उजागर हो ही गई। जब पोप बेनेडिक्ट सोलहवें और कैथोलिक चर्च का क्रूर-अनैतिक चेहरा सामने आया, तब ‘विशेषाधिकार’ का कवच उठाया गया। कैथोलिक चर्च ने नई परिभाषा गढ़ दी कि उनके धर्मगुरु पोप बेनेडिक्ट सोलहवें पर न तो मुकदमा …

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