स्वार्थ त्यागें, महान बनें – पूज्य बापू जी
मनुष्य को कभी भी स्वार्थ में आबद्ध नहीं होना चाहिए। व्यावहारिक वासनाओं को पोसने का स्वार्थ सुख का अभिलाषी है वह सच्ची सेवा नहीं कर सकता। जो संसारी वासनाओं का गुलाम है वह अपना ठीक से विकास नहीं कर सकता। जो अपने स्वार्थ का गुलाम है वह अपना कल्याण नहीं कर सकता। व्यक्तिगत स्वार्थ कुटुम्ब …