आठ गुणों का विकास, जीवन में लाये ज्ञान-प्रकाश
(पूज्य बापू जी की बोधमयी अमृतवाणी) अगर आपको अपना व्यक्तित्व निखारना है, अपना प्रभाव विकसित करना है तो जीवन में आठ सदगुण ले आईये। ये आठ सदगुण और नौवीं आरोग्यप्रद ‘स्थलबस्ति’ आपके प्रभाव में चार चाँद लगायेंगे। कितना भी साधारण आदमी हो, तुच्छ हो तो भी वह बड़ा प्रभावशाली हो जायेगा। कला प्रभावोत्पादक मानवीय व्यवहारः …