222 ऋषि प्रसादः जून 2011

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

गुरु बिन ब्रह्मानंद तो क्या सांसारिक सुख भी दुर्लभ !


परमेश्वर का साक्षात्कार एकमात्र गुरु से सम्भव है। जब तक गुरु की कृपा से हमारी अंतःशक्ति नहीं जागती, अंतःज्योति नहीं प्रकाशती, अंतर का दिव्य ज्ञानचक्षु नहीं खुलता तब तक हमारी जीवदश नहीं मिटती। अतः अंत-विकास के लिए, दिव्यत्व की प्राप्ति के लिए हमें मार्गदर्शक की यानी पूर्ण सत्य के ज्ञाता एवं शक्तिशाली सद्गुरु की अत्यंत …

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संत-वाणी से सहजो बनी महान


पूज्य बापू जी के सत्संग-प्रवचन से दिल्ली के परीक्षितपुर नामक स्थान में 25 जुलाई 1725 को चार भाइयों के बाद एक कन्या जन्मी। उसका नाम था सहजो। कन्या के पिता का नाम था हरि प्रसाद और माता का नाम था अनूपी देवी। तब बचपन में ही शादी की परम्परा थी। सहजो 11 वर्ष की उम्र …

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गुरु बिन ज्ञान न उपजे


गुरु साक्षात भगवान है, जो साधकों के पथ प्रदर्शन के लिए साकार रूप में प्रकट होते हैं। गुरु का दर्शन भगवद् दर्शन है। गुरु का भगवान के साथ योग होता है तथा वे अन्य लोगों में भक्ति अनुप्राणित करते हैं। उनकी उपस्थितिमात्र सबके लिए पावनकारी है। जिस प्रकार एक दीपक को जलाने के लिए आपको …

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