शीतकाल में बलसंवर्धनार्थः
मालिश शीतकाल बलंसवंर्धन का काल है। इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है। शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है अपितु मालिश (अभ्यंग), आसन, व्यायाम भी आवश्यक हैं। शीतकाल में मालिश विशेष लाभकारी हैं। आयुर्वेद के श्रेष्ठ आचार्य श्री सुश्रुताचार्य जी …