253 ऋषि प्रसाद जनवरीः 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

शीतकाल में बलसंवर्धनार्थः


मालिश शीतकाल बलंसवंर्धन का काल है। इस काल में सम्पूर्ण वर्ष के लिए शरीर में शक्ति का संचय किया जाता है। शक्ति के लिए केवल पौष्टिक, बलवर्धक पदार्थों का सेवन ही पर्याप्त नहीं है अपितु  मालिश (अभ्यंग), आसन, व्यायाम भी आवश्यक हैं। शीतकाल में मालिश विशेष लाभकारी हैं। आयुर्वेद के श्रेष्ठ आचार्य श्री सुश्रुताचार्य जी …

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सर्वोन्नति का अमोघ साधन माता पिता का आशीर्वाद


पूज्य बापू जी (मातृ-पितृ पूजन दिवसः 14 फरवरी) माँ-बाप की शुभ कामना बड़ा काम करती है। माता का आशीर्वाद जिन्होंने भी लिया, उन्होंने बड़े ऊँचे-ऊँचे पद को पाया, और ऐसे कई व्यक्तियों को मैं जानता हूँ। मैंने सुनी है संतों से एक कथा। एक  बड़ा अमीर लड़का था। पिता मर गये और खूब धन था।  …

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पत्रकारिता के आदर्श पंडित मदन मोहन मालवीय जी


इंगलैंड से अध्ययन समाप्त कर भारत लौटे हुआ राजा रामपाल सिंह ने ‘हिन्दुस्तान’ नामक साप्ताहिक पत्र प्रकाशित करना आरम्भ किया था, जिसे वे किसी प्रकार चला रहे थे लेकिन अब वे चाहते थे कि इस पत्र को दैनिक पत्र बना दिया जाय किंतु उसके लिए उनको कोई योग्य सम्पादक नहीं मिल रहा था। कलकत्ता अधिवेश …

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