कसाई से भी घातक कुप्रचारक
पूज्य बापू जी महात्मा बुद्ध की बहुत निंदा चलती थी, महावीर स्वामी की बहुत निंदा चली। ऐसा धरती पर कोई महापुरुष नहीं हुआ जिसकी निंदा न हुई हो, आज तक का इतिहास देखो। कोई हमारा हाथ तोड़ दे, पैर तोड़ दे अथवा कोई हमारा सिर तोड़ दे तो इतना घाटा नहीं होता, जितना घाटा हमारी …