258 ऋषि प्रसादः जून 2014

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

महापुरुषों का भारत को विश्वगुरु बनाने का सत्यसंकल्प श्री नरेन्द्र मोदी जैसे कर्मयोगी द्वारा शीघ्र साकार होगा


हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लेना यह जीवन में सफलता की चाबी कही गयी है। भगवान श्रीराम, भगवान श्री कृष्ण, भक्त पुंडलिक, श्रवण कुमार, छत्रपति, शिवाजी, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, संत श्री आशाराम जी बापू… ऐसे अनेक संत, महापुरुष, भक्त एवं राजनेता हुए हैं …

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जल है औषध समान


अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्। भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम।। ‘अजीर्ण होने पर जल पान औषधवत् है। भोजन पच जाने पर अर्थात् भोजन के डेढ़ दो घंटे बाद पानी पीना बलदायक है। भोजन के मध्य में पानी पीना अमृत के समान है और भोजन के अंत में विष के समान अर्थात् पाचनक्रिया के लिए …

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जैसी होवे पात्रता वैसी होवे गुरुकृपा – पूज्य बापू जी


बारिश वही की वही लेकिन सीपी में बूँद पड़ती है तो मोती हो जाती है और खेत में पड़ती है तो भिन्न-भिन्न अन्न, रस हो जाती है और वही पानी गंगा में पड़ता है तो गंगा माता होकर पूजा जाता है, वही पानी नाली में पड़ता है तो उसकी कद्र नहीं, बेचारा कहीं का कहीं …

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