291 मार्च 2017 ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सेवक व साधक को सुन्दर सीख


श्री हनुमान जयंती जब सीता जी की खोज हेतु हनुमान जी सागर-तीर पर खड़े थे और सभी वानर और उस पार जाने का विचार कर रहे थे तब जाम्बवान जी ने हनुमान जी को उत्साहित करने के लिए कहाः “हे हनुमान ! तुम पवन के पुत्र हो और बल में पवन के समान हो। तुम …

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सर्व सफलताओं का मूल आत्मविश्वास


किसी भी क्षेत्र में सफलता का मूल रहस्य आत्मविश्वास है। आत्मविश्वास का मुख्य उद्देश्य है हृदय-क्षुद्रता का निराकरण। जिसके अंदर आत्मविश्वास होता है वह अनेक प्रतिकूलताओं के बावजूद संतुलित मनोमस्तिष्क से हर समस्या का समाधान सहज ही कर लेता है। अगर सारी साधन-सुविधाएँ उपलब्ध होने पर भी किसी में आत्मविश्वास का अभाव हो तो वह …

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आत्मज्ञान पाये बिना दुःखों से छुटकारा नहीं !


श्री भर्तृहरि महाराज लिखते हैं- धन्यानां गिरिकन्दरेषु वसतां ज्योतिः परं ध्यायता- मानन्दाश्रुकणान्पिबन्ति शकुना निःशंकमंकेशयाः। अस्माकं तु मनोरथोपरचितप्रासादवापीतट- क्रीडाकाननकेलकौतुकजुषामायुः परं क्षीयते।। ‘पर्वत कन्दरा में निवास करने वाले और परब्रह्म परमात्मा का ध्यान करने वाले जिन महानुभावों के आनंद के अश्रुओं को उनकी गोद में बैठे हुए पक्षीगण निर्भय होकर पान करते हैं, वास्तव में उन्हीं पुण्यात्माओं …

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