गुरु-तत्त्व की व्यापकता व समर्थता
योगिराज श्यामाचरण लाहिड़ी जी के शिष्य अविनाश बाबू रेलवे विभाग में नौकरी करते थे। अपने गुरुदेव के दर्शन, सत्संग-सान्निध्य हेतु उन्होंने एक सप्ताह की छुट्टी के लिए अपने उच्च अधिकारी भगवती चरण घोष को आवेदन पत्र दिया। उन्होंने अविनाश बाबू से कहाः “धर्म के नाम पर ऐसे पागलपन से नौकरी में उन्नति नहीं की जा …