294 ऋषि प्रसादः जून 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

क्षणभंगुरता में एकमात्र सहारा


आयुः कल्लोललोलं कतिपयदिवसस्थायिनी यौवनश्री- रर्थाः संकल्पकल्पा घनसमयतडिद्विभ्रमा भोगपूगाः। कण्ठाश्लेषोपगूढं तदपि च न चिरं यत्प्रियाभीः प्रणीतं ब्रह्मण्यासकतचित्ता भवत भवभयाम्भोधिपारं तरीतुम्।। जीवन ऊँची तरंगों की तरह तुरंत नाश पाने वाला है। यौवन की सुंदरता थोड़े दिनों तक रहने वाली है। अर्थ यानी धन, धान्य, धाम, ग्राम, पशु आदि पदार्थ मनोरथ के समान अस्थिर हैं। सारे भोग वर्षाकालिक …

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बुंदेलखंड में नयी चेतना का संचार करने वाले धर्मयोद्धा


भारत पर मुगल शासन के समय जामनगर (गुज.) में एक प्रसिद्ध संत हो गये जिनका नाम था प्राणनाथ। इनका सम्पूर्ण जीवन भक्ति और धर्म के रंग में रँगा था किंतु ये गुफा में बंद होकर तत्कालीन समाज की दुर्दशा की ओर से आँखें मूँद के ध्यान करने में विश्वास नहीं रखते थे। मुसलमानों का भीषण …

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आगरा में सम्पन्न हुई गुरुकुलों की राष्ट्रस्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला


‘गुरुकुल केन्द्रीय प्रबंधन समिति’ द्वारा 5 से 7 मई 2017 तक ‘संत श्री आशाराम जी पब्लिक स्कूल, आगरा’ में ‘गुरुकुल अभ्यास वर्ग एवं प्रशिक्षण कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला में भाग लेने पहुँचे देशभर के संत श्री आशाराम जी गुरुकुलों के प्रधानाचार्यों, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं गृहपतियों (छात्रावास) अध्यक्षों) ने विद्यार्थियों की उन्नति से जुड़े कई …

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