294 ऋषि प्रसादः जून 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

सर्वसुलभ, बहूपयोगी, स्वास्थ्यरक्षक मेवेः किशमिश व मुनक्के


आज लगातार बढ़ रही बीमारियों एवं उनके महंगे उपचार को देखते हुए रोगप्रतिरोधक, पोषक व सर्वसुलभ प्राकृतिक उपहारों को जानना व उनका लाभ उठाना आवश्यक हो गया है। ऐसे ही प्रकृति के वरदान हैं किशमिश व मुनक्के। इनकी शर्करा शरीर में अतिशीघ्र आत्मसात हो जाती है, जिससे शीघ्र ही शक्ति एव स्फूर्ति प्राप्त हो होती …

Read More ..

23 वर्ष की उम्र में बना डिप्टी मेयर !


मैंने 2010 में पूज्य बापू जी से सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा ली थी, उसके बाद आश्रम में शिविर भी भरा। दीक्षा लेने से मेरे जीवन में काफी सुधार आया। आध्यात्मिकता व सदगुणों का विकास हुआ। पूज्य बापू जी से मिले मंत्र का जप करने से मनोबल, प्राणबल बढ़ा तथा निर्णयशक्ति भी अच्छी हुई। संयम और …

Read More ..

गुरुदेव की शरण रहना परम आत्मधर्म है – स्वामी मुक्तानंद जी


परम दैवत (देवता) रूप श्री गुरुदेव की शरण हो जाना, सब धर्मों को छोड़कर, सब देवी-देवता, सब मत-मतांतर, सर्व-सम्प्रदाय, सर्वमिथ्या कर्मकांड को त्याग के ईश्वररूप श्री गुरुदेव का ध्यान करना, उनके चरणों में प्रीति करना परम आत्मधर्म है। यही मनुष्य की अपनी अंतरात्मा-स्थिति है। गुरु बारम्बार शिष्य के अंदर अपने को उसके भाव के अनुरूप …

Read More ..