300 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

हम सर्वस्व लगाकर भी इस संस्कृति का फायदा विश्व-मानव तक पहुँचायेंगे-पूज्य बापू जी


सनातन धर्म की स्थापना किन्हीं ऋषि-मुनि या पीर-पैगम्बर ने नहीं की बल्कि श्रीराम और श्रीकृष्ण जैसी विभूतियाँ सनातन धर्म में प्रकट हुई हैं। सनातन धर्म तो उनके पूर्व भी था। यह धर्म कहता हैः सङ्गच्छद्वं…. हम सब कदम-से-कदम मिलाकर चलें। सं वदध्वं…. हम दिल से दिल, विचार से विचार मिलाकर चलें। अगर हमारे विचार नहीं …

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सूर्यकिरणों के विशेष रंगों द्वारा विभिन्न रोगों का उपचार


ऋग्वेद (1.115.1) में आता हैः सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च। सूर्य स्थावर-जंगमात्मक जगत का आत्मा है। शक्ति, सौंदर्य व स्वास्थ्य प्रदायक सूर्य की रंगीन किरणें स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। ‘सूर्यकिरण चिकित्सा पद्धति’ में इनके द्वारा रोगों का उपचार किया जाता है। इसमें जिस रंग की सूर्यकिरणों से उपचार करना हो, उस रंग के सेलोफेन पेपर …

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सर्वगुणों की खानः तुलसी


तुलसी एक दिव्य औषधि तो है ही परंतु इससे भी बढ़कर यह भारतीय धर्म-संस्कृति में प्रत्येक घर की शोभा, संस्कार, पवित्रता तथा धार्मिकता का अनिवार्य प्रतीक भी है। गरुड़ पुराण में आता है कि ‘तुलसी का पौधा लगाने, पालन करने, सींचने तथा उसका ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से मनुष्यों के पूर्वजन्मार्जित पाप जल कर …

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