301 ऋषि प्रसाद जनवरी 2018

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

परमात्मप्रेम के हैं 5 साधक व 5 बाधक


परमात्मप्रेम बढ़ाने में सहायक 5 बातें 1.भगवच्चरित्र का श्रवण करो। महापुरुषों के जीवन-चरित्र, प्रसंग सुनो या पढ़ो। इससे भक्ति बढ़ेगी एवं ज्ञान वैराग्य में मदद मिलेगी। 2.भगवान की स्तुति-भजन गाओ – सुनो। 3.जब अकेले बैठो तब भजन गुनगुनाओ या सुमिरन, जप करो अन्यथा मन खाली रहेगा तो उसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य (ईर्ष्या) …

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सपने सोने नहीं देते और व्यर्थ विचार आत्मा में जगने नहीं देते


तस्मादनन्तमजरं परमं विकासि तद्ब्रह्म चिन्तय किमेभिरसद्विकल्पैः। यस्यानुषङिगण इमे भुवनाधिपत्य- भोगादयः कृपणलोकमता भवन्ति।। ‘हे मन ! अंतरहित, जरा-मरण आदि रहित, सर्वोत्कृष्ट, सर्वव्याप होने से सर्वत्र भासमान उस ब्रह्म का ही चिंतन किया कर। इन व्यर्थ के संदेहजनक विचारों से क्या लाभ ? ब्रह्मविचारशून्य हृदयवालों को ही ये राज्य और स्वर्ग आदि भोग इष्ट लगते है। ब्रह्म …

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शव देह से शिव-तत्त्व की ओर….


महाशिवरात्रिः 13 फरवरी 2018 सत्यं ज्ञान अनन्तस्य चिदानन्दं उदारतः। निर्गुणोरूपाधिश्च निरंजनोऽव्यय तथा।। शास्त्र भगवान शिव के तत्त्व का बयान करते हुए कहते हैं कि शिव का अर्थ है जो मंगलमय हो, जो सत्य हो, जो ज्ञानस्वरूप हो, जिसका कभी अंत न होता हो। जिसका आदि और अंत है, जो बदलने वाला है वह शिव नहीं, …

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