334 ऋषि प्रसादः अक्तूबर 2020

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

चित्त में आत्मप्रसाद स्थिर करने में सहायक रात्रि


शरद पूर्णिमाः 30 व 31 अक्तूबर 2020 शरद पूनम को चन्द्रमा पृथ्वी के विशेष निकट होता है और बारिश के महीनों के बाद खुले आकाश में चन्द्रमा दिखे तो चित्त विशेष आह्लादित होता है । यह धवल (श्वेत) उत्सव है । ‘अपना अंतःकरण प्राकृतिक पदार्थों को सत्य मानकर मलिन न हो बल्कि जो सत्यस्वरूप सबमें …

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2 प्रकार के भक्त – पूज्य बापू जी


2 प्रकार के भक्त होते हैं । एक होते हैं अहंनिष्ठ भक्त । वे सोचते हैं, ‘मैं पापी हूँ, क्या करूँ ? क्या मुँह दिखाऊँ ? कैसे प्रार्थना करूँ ? मैं ठीक हो जाऊँगा फिर भक्ति करूँगा, मेरी आदत ठीक हो जायेगी फिर मंत्रदीक्षा लूँगा….’ ऐसे अहंनिष्ठ व्यक्ति उलझ जाते हैं । दूसरे होते हैं …

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जीवन बदलने का सामर्थ्य – पूज्य बापू जी


सिकंदर नरसंहार करता हुआ कुछ विशेष बनने की आशा लिए ईरान पहुँचा । ईरान के राजा भी हार गये । सेनापति और सैनिक लोग वहाँ का माल-खजाना लूटकर सुंदर-सुंदर सौगातें सिकंदर को भेंट करते जा रहे थे । हीरे-जवाहरात, स्वर्ण के अम्बार देखकर सिकंदर का मन खुशी से छलक उठा था, बोलाः “बड़ी विजय…., सुंदर …

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