336 ऋषि प्रसादः दिसम्बर 2020

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

बोझा अपने सिर पर क्यों रखना ! – पूज्य बापू जी


तुम निष्फिक्र परमात्मा की ओर आते हो तो बाकी का सब गौण हो जाता है और प्रकृति सहयोगी हो जाती है । अपने को बोझा नहीं उठाना पडता है । अपने को कर्तृत्व का अभिमान होता है तभी बोझा लगता है । कर्तृत्व का अभिमान नहीं है, देहाध्यास गल जाय, परमात्म-तत्त्व का साक्षात्कार हो जाय …

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तुम भी बन सकते हो अपनी 21 पीढ़ियों के उद्धारक


प्राचीन काल की बात है । नर्मदा नदी जहाँ से निकलती है वहाँ अमरकंटक क्षेत्र में सोमशर्मा नामक एक ब्राह्मण रहता था । उसकी पत्नी का नाम था सुमना । सुमना के पुत्र का नाम था सुव्रत । सुव्रत जिस गुरुकुल में पढ़ता था वहाँ के कुछ शिक्षक, आचार्य ऐसे पवित्रात्मा थे कि वे उसे …

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तुम्हारे जीवन की संक्रान्ति का भी यही लक्ष्य होना चाहिए – पूज्य बापू जी


प्राचीन खगोलशास्त्रीयों ने विज्ञानियों ने सूर्य की रश्मियों का अध्ययन करते हुए सूर्यनारायण के मार्ग के 12 भाग किये । प्रत्येक भाग को राशि कहा गया । सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रान्ति कहलाता है । हर महीने संक्रान्ति होती है परंतु प्राकृतिक पर्वों में यह उत्तरायण महत्त्वपूर्ण पर्व है …

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