ईश्वरीय अंश विकसित कर यहीं ईश्वरतुल्य हो जाओ – पूज्य बापू जी
मनुष्य इन तीन तत्त्वों का मिश्रण हैः पाशवीय तत्त्व, मानवीय तत्त्व और ईश्वरीय तत्त्व । पाशवीय तत्त्व अर्थात् पशु जैसा आचरण । चाहे जैसा खाना-पीना, माता-पिता की हितकारी बात को ठुकरा देना, सामाजिक नीति-नियमों को ठुकरा देना, जैसे ढोर चलता है ऐसे ही मन के अनुसार चलना – ये पाशवीय तत्त्व हैं । मानवीय तत्त्व …