ऋषि प्रसाद

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

असली सुख-शांति कहाँ है ? – पूज्य बापू जी


शांति के लिए लोग भजन, तप, उपवास, देश-परदेश की यात्राएँ आदि सब करते हैं । मेरा अमेरिका में व्हाइट हाउस के नजदीक कहीं जाना हुआ था । तो एक व्यक्ति आकर मिला, मेरे को बोलाः ″स्वामी जी ! You are an Indian? ( क्या आप भारतीय हैं ? )″ मैंने कहाः ″हाँ, आप भी तो …

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कर्मयोग से विदेहमुक्ति तक की यात्रा – संत भोले बाबा


ईश्वरार्पण बुद्धि से कर्म करने का नाम ‘कर्मयोग’ है । निष्काम कर्मों का अनुष्ठान करने से अंतःकरण शुद्ध हो जाता है । अंतःकरण शुद्ध होने से ( सद्गुरु का वेदांत-उपदेश हृदय में शीघ्र ठहर कर ) आत्मा का ज्ञान हो जाता है । आत्मज्ञान होने से भोगों की आसक्ति निवृत्त जाती है और भोगों की …

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दृढ़व्रती हो जाओ – पूज्य बापू जी


संत कबीर जी ने कहाः कबिरा जोगी जगत गुरु तजे जगत की आस । जो जग की आशा करे तो जग गुरु वह दास ।। योगी तो जगत का गुरु होता है । आप जगत में से सुख लेने की इच्छा न करें, सुख तो अपने आत्मा का आता है, जगत का तो उपयोग होता …

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