आँवला एक ऐसा श्रेष्ठ फल है जो वात, पित व तीनों दोषों का शमन करता है तथा मधुर, अम्ल, कड़वा, तीखा व कसैला इन पाँच रसों की शरीर में पूर्ति करता है। आँवले के सेवन से आयु, स्मृति, कांति एवं बल बढ़ता है। हृदय एवं मस्तिष्क को शक्ति मिलती है। आँखों के तेज में वृद्धि, बालों की जड़ें मजबूत होकर बाल काले होना आदि अनेकों लाभ होते हैं। शास्त्रों में आँवले का सेवन पुण्यादायी माना गया है। अतः अस्वस्थ एवं निरोगी सभी को आँवले का किसी-न-किसी रूप में सेवन करना ही चाहिए।
आँवले के मीठे लच्छे
सामग्रीः 500 ग्राम आँवला, 5 ग्राम काला नमक, चुटकीभर सादा नमक, चुटकीभर हींग, 500 ग्राम मिश्री, आधा चम्मच नींबू का रस, 150 ग्राम तेल।
विधिः आँवलों को धोकर कद्दूकश कर लें। गुलाबी होने तक इनको तेल में सेंके फिर कागज पर निकालकर रखें ताकि कागज सारा तेल सोख ले। इनमें काला नमक व नींबू का रस मिलाकर अलग रख दें। मिश्री चाशनी बना के इनको उसमें थोड़ी देर पका लें। बस, हो गये आँवले के मीठे लच्छे तैयार ! इन्हें काँच के बर्तन में भरकर रख लें।
पंचामृत रस
लाभः यह अनुभूत रामबाण योग है, जो सर्दी के दिनों में विशेष लाभदायी है।
इससे पेट साफ रहता है।
रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है।
रक्तशुद्धि होती है एवं रक्तसंचरण भी सुचारूप से होने लगता है।
शरीर में स्फूर्ति बढ़ती है।
ओज-तेज की वृद्धि के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
कोलेस्ट्राल के बढ़ने से होने वाली बीमारियाँ, जैसे हृदयरोग, मस्तिष्क के रोग, उच्च रक्तचाप आदि में लाभदायी है।
विधिः 1 किलो आँवला, 100 ग्राम कच्ची ताजी हल्दी, 100 ग्राम ताजा अदरक, 100 ग्राम पुदीना, 50 से 100 तुलसी के पत्ते – पाँचों का रस निकाल कर छाने के मिला लें और काँच की बोतल में भर के ठंडे स्थान या फ्रिज में रखें। यह रस करीब 5 दिन टिक जाता है, फिर नया बना लें।
मात्राः रोज बोतल हिलाकर 50 मि.ली. रस सुबह खाली पेट लें (बच्चों के लिए आधी मात्रा। पानी या शहद के साथ ले सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल की समस्याओं में 100 ग्राम लहसुन का रस मिलाकर लेने से विशेष लाभ होता है।
स्रोतः ऋषि प्रसाद, दिसम्बर 2014, पृष्ठ संख्या 30, अंक 264
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