दोषों को नष्ट करने हेतु – पूज्य बापू जी

दोषों को नष्ट करने हेतु – पूज्य बापू जी


अपने में जो कमजोरी है, जो भी दोष है उनको इस मंत्र द्वारा स्वाहा कर दो । दोषों को याद करके मंत्र के द्वारा मन-ही-मन उनकी आहुति दे डालो, स्वाहा कर दो ।

मंत्रः ॐ अहं ‘तं’ जुहोमि स्वाहा । ‘तं’ की जगर पर विकार या दोष का नाम लें ।

जैसेः ॐ अहं ‘वृथावाणीं’ जुहोमि स्वाहा ।

ॐ अहं ‘कामविकारं’ जुहोमि स्वाहा ।

ॐ अहं ‘चिंतादोषं’ जुहोमि स्वाहा ।

जो विकार तुम्हें आकर्षित करता है उसका नाम लेकर मन में ऐसी भावना करो कि मैं अमुक विकार को भगवत्कृपा में स्वाहा कर रहा हूँ ।’

इस प्रकार अपने दोषों को नष्ट करने लिए मानसिक यज्ञ अथवा वस्तुजन्य (यज्ञ सामग्री से) यज्ञ करो । इससे थोड़े ही समय में अंतःकरण पवित्र होने लगेगा, चरित्र निर्मल होगा, बुद्धि फूल जैसी हलकी व निर्मल हो जायेगी, निर्णय ऊँचे होंगे । इस थोड़े से श्रम से ही बहुत लाभ होगा । आपका मन निर्दोषता में प्रवेश पायेगा और ध्यान-भजन में बरकत आयेगी ।

स्रोतः ऋषि प्रसाद, सितम्बर 2020, पृष्ठ संख्या 32 अंक 333

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