साधना में बाधक एवं सहायक बातेंv

साधना में बाधक एवं सहायक बातेंv


साधना में बाधकः

मान की चाह के गुलाम बनना।

अति बोलना।

यश की इच्छा से दिखावटी कार्य करना।

अति निद्रा अथवा अनिद्रा।

हिंसक स्वभाव – शरीर, मन, या वाणी से किसी को दुःख देना।

अति धन – वैभव और आडम्बर।

विकार बढ़ाने वाला, जागतिक आकर्षण बढ़ाने वाला विनोद।

क्रोध और द्वेष।

काम, आसक्ति।

आलस्य और शौकीनीपना।

साधना में सहायकः

मान की चाह मिटाना।

मौन रहना, शांत रहना।

अच्छे कार्य करके ईश्वर को अर्पण करना।

ठीक-ठीक नींद व ब्राह्ममुहूर्त में जागरण।

तीनों प्रकार की अहिंसा।

सहज, सादा जीवन।

भगवद् भाव बढ़ाने वाला विनोद।

आवश्यकता पड़ने पर क्रोध और द्वेष रहित गर्जना तथा साक्षिभाव की सावधानी।

भगवत्प्रतीति व संयम पूर्वक संसार में जीना।

तत्परता और सहजता।

तो आज से साधना में बाधक बातों का त्याग करके साधना में सहायक बातों का अवलम्बन लो और अपने लक्ष्य को पा लो।

स्रोतः ऋषि प्रसाद, अप्रैल 2010, पृष्ठ संख्या 5, अंक 208

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