जोधपुर में पूज्य बापू जी से मिलने आये सुप्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहाः “हमें भी विधि और कानून के बारे में ज्ञान है। बापू जी के जोधपुर केस की जो परिस्थिति है उसको मैंने जाना, मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि जाँच की स्थिति में होते हुए भी बापू जी 20 महीने से जेल में हैं। मैं समझता हूँ कि एक प्रकार से यह भारत का रिकार्ड है कि ऐसे केस में इतने महीने किसी को जमानत के बिना जेल में रखा गया। दंडित लोगों को भी अपील करने पर जमानत मिली है तो बापू जी को क्यों नहीं ? उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ है। उनका मूलभूत अधिकार बनता है जमानत पर बाहर आने का।”
जब पत्रकारों द्वारा यह पूछा गया कि क्या बापू जी को षड्यंत्र के तहत फँसाया गया है तो उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर सारी चीजों को देखने से इस विषय में तो मुझे लगता है कि आशाराम जी बापू के खिलाफ केस बनता ही नहीं है, इनको निर्दोष बरी करना ही पड़ेगा। जो शुरुआत में एफआईआर हुई थी दिल्ली में, वह तथाकथित घटना के 5 दिन बाद हुई थी। जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय उनके अनुसार कोई पुलिस स्टेशन ऐसे एफआईआर दर्ज नहीं करता है। इन्होंने (बापू जी ने) डांग क्षेत्र (गुजरात) में वनवासियों की हिन्दू धर्म में वापसी करायी थी और आगे धर्मान्तरण होने नहीं दिया। तो सारी धर्मांतरण वाली लॉबी इनके बहुत खिलाफ थी। उन सभी की इस केस में निश्चित भूमिका है। जिस प्रकार से दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज हुई और फिर बाद में (तत्कालीन) राजस्थान सरकार ने जो दिलचस्पी दिखायी, उससे तो लगता है कि ऊपर से जरूर इशारा था। नयी धाराएँ लगाकर केस बनाया और गिरफ्तार किया था। यह बड़ा आश्चर्य है परन्तु यह सब ट्रायल का विषय है। गिरफ्तारी के जो आधार हैं, उनमें ऐसा कुछ स्पष्ट देखा नहीं। मेडिकल रिपोर्ट कोई सपोर्ट नहीं करती है, केवल एक लड़की के आरोप पर एक संत को आपने बंद किया है। टेकनिकली (विधि-अनुसार) केस बनता नहीं है। केस को लम्बा खींच रहे हैं दुनियाभर में बापू जी को बदनाम करने के लिए। बापू जी को 20 महीने के बाद भी जमानत क्यों नहीं दी गयी है ? सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार कहा है कि ‘बेल इज़ द रूल ऐण्ड जेल इज़ द एक्सेप्शन’ (जमानत नियम है और जेल अपवाद)। जो शर्तें सर्वोच्च न्यायालय ने रखी थीं बापू जी की जमानत के लिए, वे पूरी हो गयी हैं। सब जाँच हो गयी है, अब उनको जेल में रहने का कोई कारण नहीं है, न्यायालय को जमानत देनी चाहिए।”
बापू जी पर लगे आरोपों के बारे में सवाल किये जाने पर सुब्रह्मण्यम स्वामी बोले, “आरोप तो हजार लगते हैं, सब पर लगते हैं। आरोप लगाना बहुत आसान है। सवाल है कि आधार क्या है ? और उस आधार के अनुसार में कह सकता हूँ कि इस केस में कोई दम नहीं है।
बापू जी एक संत हैं, इनका बड़ा व्यापक भक्त समुदाय है सारी दुनिया में। उनको बदनाम करना…. बड़ी गम्भीरता से विचारना चाहिए। जहाँ मुझे लगता है कि अन्याय हुआ है, वहाँ मैं लड़ूँगा।”
पत्रकार द्वारा यह पूछने पर कि “क्या आशाराम जी बापू के साथ अन्याय हुआ है ?” वे बोले, “बिल्कुल। केवल एक लड़की के आरोप हैं, कोई प्रूफ नहीं है। सारी बातें बनावटी हैं। तो इनको बेल क्यों नहीं दी 20 महीने से ? और 75 साल के हैं !”
स्रोतः ऋषि प्रसाद, मई 2015, पृष्ठ संख्या 6, अंक 269
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