प्रस्तुत है प्राकृतिक मच्छर-विकर्षक
अधिकतर chemical mosquito repellents (रासायनिक मच्छर विकर्षक) उत्पादों में DEET (N.N-Diethyl-meta-toluamide) नामक केमिकल का उपयोग किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। इसके उपयोग से त्वचा में उत्तेजना व चकत्ते, होठों में जलन व सुन्नपन, मिचली, सिरदर्द, चक्कर आना, एकाग्र होने में कठिनाई आदि समस्याएँ पैदा होती हैं। अमेरिका की ‘एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी’ (EPA) के अनुसार DEET के लगातार उपयोग से मस्तिष्क तथा अन्य अंगों को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है। दमा आदि श्वास से संबंधित एवं अन्य गम्भीर बीमारियाँ भी होने की सम्भावना रहती है।
यदि आप केमिकल मोस्कीटो रिपेलेंट जलाते हैं तो उससे मच्छर तो भागते हैं लेकिन उपरोक्त भयानक हानियों से बच नहीं सकते। अतः सावधान !
केमिकल के जहरीले दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रस्तुत है एक सरल घरेलु प्रयोग। आप मोस्कीटो रिपेलेंट की शीशी में तरल केमिकल की जगह पर 45 मि.ली. तारपीन का तेल (Turpentine oil) भर दें। शीशी पूरी न भरें। इसमें 1 से 2 ग्राम भीमसेनी कपूर चूर्ण डाल दें और अच्छी तरह घोल लें। शुद्ध रवेदार (Crystalline) या चूर्ण रूप भीमसेनी कपूर का ही प्रयोग करें, अन्य कपूर का नहीं। केमिकल मोस्कीटो रिपेलेंट की विभिन्न हानियों से बचने हेतु इस प्राकृतिक मच्छर विकर्षक को आजमाकर देखें। इसको और भी प्रभावशाली एवं खुशबूदार बनाना हो तो इसमें सिट्रोनेला (citronella), गुलमेंहदी (rosemary), नीम, तुलसी, लैवेंडर (lavender), पिपरमेंट (peppermint), गेंदा आदि सुगंधित वानस्पतिक तेलों का सूक्ष्म मात्रा में प्रयोग कर मच्छर भगाने के साथ अन्य अनेक स्वास्थ्य सम्बंधी व आध्यात्मिक विशेष लाभ उठाये जा सकते हैं। इससे केमिकल स तो बचेंगे, साथ ही पुण्यमयी तुलसी के लाभों का भी आपको फायदा मिलेगा। (अगर ऐसे निर्दोष उपायों से पूरा लाभ न मिले तो आप मच्छरदानी का उपयोग करिये लेकिन केमिकल मोस्कीटो रिपेलेंट का उपयोग कभी मत कीजिये।)
पूज्य बापू जीः “हम तो चाहते हैं कि हमारे समितिवाले साधक लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के इस दैवी कार्य में……”
स्रोतः ऋषि प्रसाद, मार्च 2018, पृष्ठ संख्या 27 अंक 303
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