छाया रहा मातृ-पितृ पूजन दिवस

छाया रहा मातृ-पितृ पूजन दिवस


मातृ-पितृ पूजन दिवस को न केवल धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं व गणमान्यों ने सराहा, मनाया बल्कि इसे शासकीय स्तर भी मनाया गया । गुजरात तथा मध्य प्रदेश के कई जिलों के विद्यालयों में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने के परिपत्रक भी जारी हुए । समाचार पत्रों एवं न्यूज़ चैनलों में भी इस कार्यक्रमों ने बहुत प्रशंसा पायी । डालते हैं एक नज़रः

‘इंडिया डॉट कॉम’ न्यूज़ डेस्क । वेलेंटाइन डे की जगह इसे मनाने की शुरुआत 2007 में भारत के आध्यात्मिक गुरु संत आशाराम जी बापू ने की थी ।

नवानगर टाईम । जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद जामनगर जिले के अधिकतम सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों ने माता-पिता का भावपूर्वक पूजन का आशीर्वाद प्राप्त किया ।

संदेश, साबरकाठा-अरवल्ली । कितनी ही शैक्षणिक संस्थाओं ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाकर आने वाले वर्षों में भी इसे मनाते रहने का संकल्प लिया । वर्षों से देश में पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण हो रहा था, जिसमें युवावर्ग 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे बड़े हर्षोल्लास से मनाता आ रहा था परंतु इस बार वेलेंटाइन डे पर जिले में गिफ्ट बाजार सूना रहा । विद्यालयों में आयोजित इस कार्यक्रम का व्यापक स्वागत किया गया ।

संदेश, सूरत । देश की भावी पीढ़ी में भारतीय संस्कृति और संस्कारों का सिंचन करने हेतु सूरत के विद्यालयों में 14 फरवरी को सराहनीय प्रयास किया गया । 1500 से अधिक विद्यालयों में हजारों विद्यार्थियों द्वारा माता-पिता के पूजन के द्वारा शाश्वत  प्रेम की अभिव्यक्ति की गयी । विद्यालयों में माता-पिता का पूजन करवा कर सच्चे प्रेम का महत्त्व समझाया गया ।

प्रभात खबर, कोलकाता । देशभर में संत आशाराम बापू जी की प्रेरणा से बहुत सारे स्कूलों में मातृ-पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया गया । सभी ने संकल्प लिया कि इसे  हर साल त्यौहार की तरह मनायेंगे । विगत 14 वर्षों से बापू का संकल्प है कि ‘पूरे विश्व में इस पूजा की गूँज रहनी चाहिए ।’

दैनिक भास्कर, श्रीगंगानगर । मोबाइल से चिपके रहने वाले बच्चों ने माता-पिता का पूजन किया, उन्हें तिलक लगाया, परिक्रम की तो बच्चों का स्नेह देख कई माता-पिताओं की आँखों से आँसू छलक पड़े । अवसर था मातृ-पूजन दिवस का । अपनी संस्कृति के इन प्राचीन संस्कारों को पुनः स्थापित करने के लिए श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इसमें 60 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों तथा अनेक समाजसेवी संस्थाओं ने भाग लिया ।

ए.बी.पी. अस्मिता न्यूज़ चैनल । 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन पर प्रिंसिपल और अभिभावक कितने सहमत हैं ? –

दीपिका बहन (प्रिंसिपल)- वेलेंटाइन डे मनाकर समाज का युवाधन, समय और सच्चरित्रता बरबाद हो रही है । माता-पिता इसे रोकना चाहते थे परंतु वे सफल नहीं हो पा रहे थे । ऐसे में मातृ-पितृ पूजन बहुत ही सफल साबित हुआ प्रयास है ।

राजस्थान पत्रिका, कोलकाता । मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम के आयोजन ने कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों, अभिभावकों का मन मोह लिया । विधिवत मंत्रोच्चार के साथ विद्यार्थियों ने तिलक, आरती व परिक्रमा कर मातृ-पितृ पूजन किया ।

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