इच्छा बदलने से भगवत्प्राप्ति-साँईँ श्री लीलाशाहजी महाराज

इच्छा बदलने से भगवत्प्राप्ति-साँईँ श्री लीलाशाहजी महाराज


दुनिया के व्यवसायों, धन इकट्ठा करने, सम्मान प्राप्त करने आदि के लिए आप क्या-क्या नहीं करते ! जान की बाजी लगाने से भी नहीं चूकते । जबकि यह स्पष्ट जानते हैं कि यह सब हमारे साथ नहीं चलेगा, अंत में काम नहीं आयेगा । यदि आप चाहें तो भगवत्प्राप्ति भी कर सकते हैं, जो इस शरीर के नष्ट होने पर भी नष्ट नहीं होगी । शर्त यह है कि जो उद्यम आप धन आदि पदार्थों को पाने में लगाते हैं वह भगवत्प्राप्ति हेतु लगायें । केवल इच्छा को बदलना पड़ेगा ।

स्रोतः ऋषि प्रसाद, जून 2021, पृष्ठ संख्या 5 अंक 342

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