सनातन धर्म का पर्वः श्राद्ध
(श्राद्ध पक्षः 29 सितम्बर स 15 अक्तूबर) श्राद्धकर्म श्रद्धा-सम्पाद्य है। जो इसको करता है उसमें श्रद्धा का उदय होता है और उसे मृत्यु के बाद भी जीवात्मा का जो अस्तित्व रहता है उस पर विश्वास होता है। कर्म का फलदाता ईश्वर ही है। इसलिए श्रद्धा-प्रदत्त पदार्थ ईश्वर की दृष्टि में जाते हैं और फिर जहाँ …